कद्दू की शब्जी

Kaddu ki sabji
Kaddu ki sabji

नव विवाहित पति चुपचाप पत्नी के हाथ की कद्दू की शब्जी से रोटी खा रहा था।

पत्नी ने कहा,जब माँ जी कद्दू बनाती है तब तो आप कद्दू की सब्जी खाने में बहुत नाटक करते हो मगर में बनाती हूं  तो चुपचाप खा लेते हो ।चक्कर क्या है ?

पति ने बहुत खूबसूरत जवाब दिया की
माँ उस पक्की छत की तरह है जिसपे में चाहे जितना उछल कूद कर सकता हूं जबकि हमारा रिश्ता अभी नई ढली छत की तरह है जिसपे अभी सम्भल कर पैर रखने की जरूरत है वरना छत पे दरार आ जायेगी,जब विश्वास रूपी छत मजबूत हो जायेगी तब तुम्हारे हाथ की कद्दू की सब्जी भी नही खाऊंग….

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