आरक्षण

स्कूल से एक 6’th क्लास का लड़का अपने घर आकर अपनी माँ से पूछता है :- “माँ ये आरक्षण क्या हैं ?”

माँ :- बेटा, ये तुम्हे क्यों जानना है ?

बच्चा :- माँ आज सर हमसे पूछ रहे थे की कौन-कौन आरक्षण से हैं

माँ :- बेटा उन्होंने ऐसा क्यों पूछा, उन्होंने नहीं बताया क्या ?

बच्चा :- बताया पर सिर्फ इतना कि, जो जो आरक्षण के हैं उन्हें पैसे मिलेंगे, पर माँ ये क्या होता हैं?

माँ :- बेटा हमारे सविधान के अनुसार सरकार गरीब और पिछड़े हुए लोगो को मदद करने के लिए सुविधा दी हैं।

बच्चा -: पर माँ सिर्फ उन्हें ही क्यों मिलती हैं और मेरी दोस्त तो गरीब भी नहीं हैं फिर भी उसे मिलेंगे पैसे, ये सुविधा गरीब के लिए हैं तो हम भी गरीब है न तो हमको क्यों नहीं मिलेंगे पैसे?

माँ :- बेटा ये सविधान में लिखा है।

बेटा :- पर माँ सविधान के बारे में कहा था की सबको एक जैसा हक़ है तो फिर ये क्यों ?

माँ :- बेटा ये सब राजनीति का गन्दा खेल हैं उनकी वजह से आज धर्म और लैंगिक आधार पर लोग एक सामान नही हैं

बेटा :- पर माँ मै क्या हुं जिससे मुझे पैसे नहीं मिलेगे ?

माँ :- बदनसीब, तुम बदनसीब हो बेटा पूरे विश्व में कही पर इस तरह का नियम नहीं है बस हमारे भारत में है ये सुविधा, सविधान निर्माता ने इसको सिर्फ 10 वर्ष के लिए रखा था पर ये देश के दलालो ने इसको पूर्ण रूप से लागू कर दिया, अगर इन्हें लागू करना ही है तो राजनीति में भी लागू करना चाहिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री भी महिला तथा SC और ST की होनी चाहिए तब पता चलेगा उन्हें भी ।

बेटा :- माँ क्या आगे भी मुझे इसी तरह की दिक्कत होगी ?

माँ :- हाँ बेटा, आगे तुझे पढ़ाई में, नोकरी में, प्रमोशन में, हर जगह दिक्कत आएगी, नारिवाद और जातिवाद का जहर तुझे मजबूर कर देगा और तू कितना भी सहन करले, एक दिन तू जरूर बोलेगा की ये कोटा बंद करो

बेटा :- माँ तो क्या हमारी मदद कोई नहीं करेगा, काश में भारत छोड़ कही और पैदा हुआ होता

माँ :- ऐसा नहीं बोलते बेटा इस धरती को हमारे पूर्वजो ने खून से सींचा हैं और बलिदान दिया है तुम्हे गर्व होना चाहिए की तुम एक भारतीय हो, बस ये सत्ता के भूखे लोग हमारी गरीबी दूर करने के बजाये वोट पाने की होड़ में हैं ।

बेटा :- माँ मेरी दोस्त बोलती हैं की पैसे मिलेगे तो पार्टी करेगे, माँ हमें एक रोज की रोटी बड़ी मुश्किल से मिलती हैं और मेरी दोस्त पार्टी करेगी, माँ में नहीं जाउंगा स्कूल कल से ।

माँ :- नहीं बेटा, तुम रोज स्कूल जाओ और पढ़ो, पढ़लिख कर शायद तुम इस कोटा को बदल दो

बेटा :- हा माँ में खूब पढूंगा पर हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं की आगे पढ़ सकूँ

माँ :- तू चिंता न कर, मैं काम करुँगी न तेरी पढ़ाई के लिए

ये सन्देश हमारे राजनेताओ तक पहुचे और वो सिर्फ गरीबो को कोटा दे न कि विकसित लोगो को.. आपकी पहल शायद किसी प्रतिभाशाली व्यक्ति का जीवन सुधार दे…..

अगर घोड़ा गधी से तेज दौड सकता है तो क्या घोड़े के पैर मे आरक्षण कि जंजीर बांध दे, जिससे गधी आगे निकल जाये, तेज चलना घोड़े कि प्रतिभा है, कमजोरी नहि

अगर 40% नंबर पाने वाली पुलिस अधिकारी बन जाती है और 80% नंबर पाने वाला रोजगार न मिलने के कारण चोर बन जाता है, तब आप सोचिये, क्या वो S.P मैडम कभी उस चोर को पकड़ पायेगी जो उनसे जायदा दिमाग रखता है|

आरक्षण हटाओ,

देश बचाओ…

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