समाज की सोच

समाज की सोच…..

1) लड़की अगर थप्पड़ मार दे तो लोग सोचते है “जरूर लड़के ने कुछ किया होगा वर्ना कोई लड़की किसी पर यु ही हाथ नहीं उठाती”

2) लड़का अगर थप्पड़ मर दे लड़की को तब “कैसा लड़का है यार लड़की पर हाथ उठाता है”

3) लड़की पर हाथ उठाने वाला मर्द नहीं होता

4) पति को परेशान करे पत्नी तब पुलिस और अदालत कहती है “पत्नी तुम्हे क्यों परेशान करेगी,ये तुम्हारा वहम है”

5) ट्रेन बस इत्यादि में “अरे उठ जाओ यार महिला खड़ी है और तुम बैठे हो ,शर्म नहीं आती

6) पत्नी तो कभी घरेलु हिंसा कर ही नहीं सकती..वो बेचारी ऐसा क्यों करेगी?? कोई औरत अपना घर बर्बाद नहीं करना चाहती

7) कोई भी औरत रेप का झूठा आरोप नहीं लगाती ज़रूर लड़के ने रेप किया होगा

8) औरत अगर गैर मर्द की बाँहो में है ,मतलब साफ है की उसका पति जालिम होगा वरना कोई औरत अपना घर छोड़कर किसी गैर मर्द की बाहों में क्यों जाएगी??

9) कोई भी माँ कुमाता नहीं होती,भला कोई भी अपनी औलाद की हत्या क्यों करेगी??

10) बेटा लड़कियो की इज्जत करना सीखो.. औरत दुर्गा है काली है ..

11) लड़की कभी प्यार में धोखा नहीं देती ,उसकी कुछ मजबूरी रही होगी

ये हमारे समाज की एक बीमार मानसिकता है दोस्तों…. सदियो से हम पर थोपी जा रही है…

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